रात जब भीग के लहराती है By Qita << सुना है चाह का दावा तुम्ह... मरमरीं मरक़दों पे वक़्त-ए... >> रात जब भीग के लहराती है चाँदनी ओस में बस जाती है अपनी हर साँस से मुझ को 'अख़्तर' उन के होंटों की महक आती है Share on: