मय-कशी का शबाब बाक़ी है By Qita << गिरानी का असर गरचे है मुश्त-ए-ग़ुबार आद... >> मय-कशी का शबाब बाक़ी है होश है इज़्तिराब बाक़ी है ज़िंदगी थोड़ी देर साथ न छोड़ जाम में कुछ शराब बाक़ी है Share on: