मेरी ग़मगीन ओ ज़र्द सूरत को By Qita << हो कर दुनिया से बेगाना मैं ने इस दश्त की वुसअत म... >> मेरी ग़मगीन ओ ज़र्द सूरत को देख लेते हैं जब कभी अहबाब मुझ से तनज़न सवाल करते हैं 'शाद'-साहिब पियोगे अब भी शराब Share on: