प्यास की पैदाइश तो कल का क़िस्सा है By Qita << कहीं अबीर की ख़ुश्बू कहीं... आँसुओं में भिगो के आँखों ... >> प्यास की पैदाइश तो कल का क़िस्सा है इस धरती का पहला बेटा पानी है सीम-ज़दा घर में भी कितना प्यासा हूँ दीवारों के अंदर कितना पानी है Share on: