पढ़ चुके हुस्न की तारीख़ को हम तेरे ब'अद By हुस्न, Qita << इंतिक़ाम-ए-ग़म-ओ-अलम लेंग... जब चटानों से लिपटता है सम... >> पढ़ चुके हुस्न की तारीख़ को हम तेरे ब'अद इश्क़ आगे न बढ़ा एक क़दम तेरे ब'अद आज तक फिर कोई तस्वीर न ऐसी खींची जैसे खा ली हो मुसव्विर ने क़सम तेरे ब'अद Share on: