दुनिया से 'ज़ौक़' रिश्ता-ए-उल्फ़त को तोड़ दे By Qita << गरचे है मुश्त-ए-ग़ुबार आद... बे-क़रारी में भी अक्सर दर... >> दुनिया से 'ज़ौक़' रिश्ता-ए-उल्फ़त को तोड़ दे जिस सर का है ये बाल उसी सर में जोड़ दे पर 'ज़ौक़' तू न छोड़ेगा इस पीर-ज़ाल को ये पीर-ज़ाल गिर तुझे चाहे तो छोड़ दे Share on: