सो गए अंजुम-ए-शब याद न आ By इल्तिजा, बेकसी, Qita << मय-कशी सुब्ह-ओ-शाम करता ह... हाए ये तेरे हिज्र का आलम >> सो गए अंजुम-ए-शब याद न आ ऐ मिरी जान-ए-तरब याद न आ मिरी पथराई हुई आँखों में कोई आँसू नहीं अब याद न आ Share on: