सुर्ख़ होंटों की ताज़गी के लिए By Qita << तेरी फ़ितरत सुकूँ-पसंदी ह... शाम और रस्ते में रेवड़ के... >> सुर्ख़ होंटों की ताज़गी के लिए ख़ून किस ने दिया जवानी का मुझ को पहचान ऐ निगार-ए-हयात मैं हूँ उनवान तिरी कहानी का Share on: