तेरी फ़ितरत सुकूँ-पसंदी है By Qita << ये तो बढ़ती ही चली जाती ह... सुर्ख़ होंटों की ताज़गी क... >> तेरी फ़ितरत सकूँ-पसंदी है शोर-ए-तूफ़ाँ से बद-हवास न हो कह रहा है सुकूत साहिल का ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी उदास न हो Share on: