वो अँधेरे जो मुंजमिद से थे By Qita << रंग जब अपनी हक़ीक़त से शन... तेरी ख़ुश-रंग चूड़ियाँ अब... >> वो अँधेरे जो मुंजमिद से थे दफ़अतन आज जगमगाए हैं नूर बरसे न क्यूँ शबिस्ताँ में एक मुद्दत में आप आए हैं Share on: