यूँ दिल की फ़ज़ा में खेलते हैं By Qita << तिरी ज़ुल्फ़ें हैं कि साव... नाख़ुदा किस लिए परेशाँ है >> यूँ दिल की फ़ज़ा में खेलते हैं रह रह के उमीद के उजाले छुप छुप के कोई शरीर लड़की आईने का अक्स जैसे डाले Share on: