यूँ उस के हसीन आरिज़ों पर By Qita << वो दूर झील के पानी में तै... साहिल पे इक थके हुए जोगी ... >> यूँ उस के हसीन आरिज़ों पर पलकों के लचक रहे हैं साए छिटकी हुई चाँदनी में 'अख़्तर' जैसे कोई आड़ में बुलाए Share on: