आ दिल में फ़ज़ा-ए-तूर बन कर छा जा Admin Rubaai << देखो देखो हयात-ए-फ़ानी दे... रंगीनी-बज़्म-ओ-बू किस की ... >> आ दिल में फ़ज़ा-ए-तूर बन कर छा जा रग रग में सिफ़ात-ए-नूर बन कर छा जा ऐ साक़ी-ए-बज़्म-ए-कुन मैं सदक़े तेरे आँखों में मिरी सुरूर बन कर छा जा Share on: