रंगीनी-बज़्म-ओ-बू किस की है Admin हसरत मोहानी की शायरी, Rubaai << आ दिल में फ़ज़ा-ए-तूर बन ... राज़-ए-हस्ती बशर को हो क्... >> रंगीनी-ए-बज़्म-ओ-बू किस की है मुर्ग़ान-ए-चमन में गुफ़्तुगू किस की है है लाले के दिल में दाग़-ए-हसरत किस का नर्गिस-ए-हैरान जुस्तुजू किस की है Share on: