अब वक़्त-ए-सुरूर- ओ फ़रहत-अंदोज़ी है By Rubaai << सख़्ती का जवाब नर्मी है हर रंग में उम्मीद का तारा... >> अब वक़्त-ए-सुरूर ओ फ़रहत-अंदोज़ी है हर दिल मसरूफ़-ए-जश्न-ए-नौ-रोज़ी है है आज से दौर-ए-शाही शाह-ए-नजफ़ ये रंग-ए-बहार फ़तह-ओ-फ़ीरोज़ी है Share on: