'अकबर' मुझे शक नहीं तेरी तेज़ी में Admin हिन्दी शायरी गम भरी, Rubaai << गूँगे अल्फ़ाज़ को नवा देत... एहसास को लफ़्ज़ों में पिर... >> 'अकबर' मुझे शक नहीं तेरी तेज़ी में और तेरे बयान की दिल-आवेज़ी में शैताँ अरबी से हिन्द में है बे-ख़ौफ़ ला-हौल का तर्जुमा कर अंग्रेज़ी में Share on: