बे-हिस के तग़ाफ़ुल का तो शिकवा बे-सूद Admin मन की सुंदरता शायरी, Rubaai << झूमी है हर इक शाख़ सबा रक... या-रब मिरे दिल को कर अता ... >> बे-हिस के तग़ाफ़ुल का तो शिकवा बे-सूद पत्थर से पिघलने का तक़ाज़ा बे-सूद बेगाना है जो रस्म-ए-रवा-दारी से उस दिल से मुरव्वत की तमन्ना बे-सूद Share on: