या-रब मिरे दिल को कर अता सिद्क़-ओ-सफ़ा Admin Rubaai << बे-हिस के तग़ाफ़ुल का तो ... मरदूद-ए-ख़लाइक़ हूँ गुनहग... >> या-रब मिरे दिल को अता सिद्क़-ओ-सफ़ा हो नक़्श-ए-सदाक़त से फ़ना वहम-ए-रिया सैक़ल से सफ़ा की साफ़ आ जाए नज़र आइना-ए-पुर-ज़िया में जल्वा तेरा Share on: