चलने का तो हो गया बहाना तुम को Admin Rubaai << है उन की नज़ाकतों का पाना... दुनिया भी अजब सरा-ए-फ़ानी... >> चलने का तो हो गया बहाना तुम को फ़ित्ना है हर इक तरह उठाना तुम को जाते हो अदू के साथ आगे से मिरे बे-आग के आ गया जलाना तुम को Share on: