दुनिया भी अजब सरा-ए-फ़ानी देखी Admin बुढ़ापा शायरी इन हिंदी, Rubaai << चलने का तो हो गया बहाना त... ज़ाहिर में अगरचे यार ग़म-... >> दुनिया भी अजब सरा-ए-फ़ानी देखी हर चीज़ यहाँ की आनी-जानी देखी जो आ के न जाए वो बुढ़ापा देखा जो जा के न आए वो जवानी देखी Share on: