है उन की नज़ाकतों का पाना मुश्किल क्या कीजे बयाँ Admin जोक शायरी, Rubaai << जो है सो पस्त सब से आली त... चलने का तो हो गया बहाना त... >> है उन की नज़ाकतों का पाना मुश्किल क्या कीजे बयाँ समझे हैं वो पाँव का हिलाना मुश्किल ये ताब कहाँ फ़क़ हो गया रंग मैं ने गुल-रू जो कहा या'नी उन को तश्बीह का बार है उठाना मुश्किल नाज़ुक है मियाँ Share on: