दर-अस्ल कहाँ है इख़्तिलाफ़-ए-अहवाल By Rubaai << देखा तो कहीं नज़र न आया ह... अक्सर मैं यहाँ मिस्ल-ए-सम... >> दर-अस्ल कहाँ है इख़्तिलाफ़-ए-अहवाल कुछ रंज न राहत न मसर्रत न मलाल क़ुर्बत है न बोद है न फ़ुर्क़त न विसाल ये भी है ख़याल और वो भी है ख़याल Share on: