दिल ही की तरह मुँह भी है काला देखो By Rubaai << मोमिन ये असर सियाह-मस्ती ... तुम तो ऐ मेहरबान अनूठे नि... >> दिल ही की तरह मुँह भी है काला देखो इस पर नमाज़ का ये उजाला भी देखो बिस्तर ही पे सर टेक रही है ज़ालिम दम तोड़ती दौलत का सँभाला देखो Share on: