दिल-कश नहीं वो हसीं जिसे शर्म नहीं Admin Rubaai << शाएर शाएर है हो जो अहल-ए-... मश्शातगी-ए-ज़ुल्फ़-ए-सुख़... >> दिल-कश नहीं वो हसीं जिसे शर्म नहीं रौनक़ नहीं उस की जिस का दिल गर्म नहीं सख़्ती में भी गुदाज़ तीनत हो जो साफ़ पिघली है बर्फ़ गो कि वो नर्म नहीं Share on: