शाएर शाएर है हो जो अहल-ए-ईमाँ Admin रमज़ान मुबारक शायरी, Rubaai << दुनिया करती है आदमी को बर... दिल-कश नहीं वो हसीं जिसे ... >> शाएर शाएर है हो जो अहल-ए-ईमाँ मसऊद ओ मुबारक है जो हो सिद्क़ बयाँ वर्ना बकवास है कलाम-ए-शाएर दीवाना हुआ है बक रहा है हिज़्याँ Share on: