ऐ ज़ाहिद-ए-हक़-शनास वाले आलिम-ए-दीं By Rubaai << औरों को बताऊँ क्या मैं घा... ऐ रौनक़-ए-लाला-ज़ार वापस ... >> ऐ ज़ाहिद-ए-हक़-शनास वाले आलिम-ए-दीं हज़रत का मक़ाम है फ़क़त ख़ुल्द-ए-बरीं इंसान अभी चल रहा है घुटनों घुटनों और आप को है क़ुर्ब-ए-क़यामत का यक़ीं Share on: