ऐ नोश-ए-लब-ओ-माह-रुख़-ओ-ज़ोहरा-जबीं Admin Rubaai << अंदाज़-ओ-अदा से कुछ अगर प... आ जाए अगर हुक्म फ़लक से &... >> ऐ नोश-ए-लब-ओ-माह-रुख़-ओ-ज़ोहरा-जबीं आइना ही तिरे रुख़ पे हैरान नहीं है शाना ख़म-ए-ज़ुल्फ़ में ज़ंजीर-ब-पा है सुर्मा रवाक़-ए-चश्म में गोशा-नशीं Share on: