आ जाए अगर हुक्म फ़लक से 'नाज़िम' Admin हिंदी में शायरी 2016, Rubaai << ऐ नोश-ए-लब-ओ-माह-रुख़-ओ-ज... काफ़ूर है दिल-जलों को तनव... >> आ जाए अगर हुक्म फ़लक से 'नाज़िम' उस हुक्म को हम सुनें मलक से 'नाज़िम' है इस को मुख़ालिफ़त मय-ए-नाब के साथ खोलेंगे न हम रोज़ा नमक से 'नाज़िम' Share on: