फैला के तसव्वुर के असर को मैं ने Admin Rubaai << सज्जादा है मेरा फ़लक-ए-नी... 'नाज़िम' उसे ख़त ... >> फैला के तसव्वुर के असर को मैं ने मशहूर किया सई-ए-नज़र को मैं ने ज़ाहिर दर-ओ-बाम से है नक़्श-ए-रुख़-ए-दोस्त बुत-ख़ाना बना रक्खा है घर को मैं ने Share on: