'नाज़िम' उसे ख़त में कहते हो क्या लिखिए Admin बाल श्रम शायरी, Rubaai << फैला के तसव्वुर के असर को... नागाह मुझे दिखा के ताब-ए-... >> 'नाज़िम' उसे ख़त में कहते हो क्या लिखिए हम क्या कहें हाल-ए-ज़ार अपना लिखिए हो जाएगा ख़त बाल-ए-कबूतर पे गराँ क्यूँ संग-दिली का शिकवा इतना लिखिए Share on: