सज्जादा है मेरा फ़लक-ए-नीली-फ़ाम Admin अमीर इमाम शायरी, Rubaai << सूरत वो पहली कि हो मगर मा... फैला के तसव्वुर के असर को... >> सज्जादा है मेरा फ़लक-ए-नीली-फ़ाम तस्बीह कवाकिब आफ़्ताब उस का इमाम तारे गिनता हूँ मैं सहर तक 'नाज़िम' तस्बीह इमाम तक पहुँच कर हो तमाम Share on: