फिर अपनी तमन्नाओं का धागा टूटा By Rubaai << अंदाज़-ए-सुख़न तुम जो हमा... जब रात गए सुहाग करती है न... >> फिर अपनी तमन्नाओं का धागा टूटा हाथों से मोहब्बत का वो दामन छूटा फिर आ गया रुस्वाई का मौसम यारो दिल आबला था एक नज़र से फूटा Share on: