हर सर में ये सौदा है कि मैं ही मैं हूँ Admin खता पर शायरी, Rubaai << ख़जलत से मरा जाता हूँ क्य... ऐ तीनत अबस अब बदी से बाज़... >> हर सर में ये सौदा है कि मैं ही मैं हूँ हर दिल में समाया है कि मैं ही मैं हूँ इस नफ़्स ने सब को कर दिया है गुमराह इरफ़ाँ ये दिखाता है कि मैं ही मैं हूँ Share on: