इख़्लास की धोके पर हूँ माइल तेरा Admin धोखे की शायरी, Rubaai << जानाँ को सर-ए-मेहर-ओ-वफ़ा... हो हिन्द का मद्ह-ख़्वाँ ब... >> इख़्लास की धोके पर हूँ माइल तेरा सच तो ये है कि जानता है मुश्किल तेरा रेशम की सी लच्छी हैं सब आ'ज़ा तेरे क्यूँ कर जानूँ कि सख़्त है दिल तेरा Share on: