जानाँ को सर-ए-मेहर-ओ-वफ़ा है झूट सब Admin Rubaai << नागाह मुझे दिखा के ताब-ए-... इख़्लास की धोके पर हूँ मा... >> जानाँ को सर-ए-मेहर-ओ-वफ़ा है झूट सब कुछ उस ने कहा है या लिखा है झूट सब वो कब लिखता है और कब कहता है क़ासिद कहता है यूँ कहा है झूट सब Share on: