इंसाँ को चाहिए न हिम्मत हारे Admin Rubaai << इसराफ़ से एहतिराज़ अगर फ़... इंकार न इक़रार न तस्दीक़ ... >> इंसाँ को चाहिए न हिम्मत हमारे मैदान-ए-तलब में हाथ बढ़ कर मारे जो इल्म-ओ-हुनर में ले गए हैं बाज़ी हर काम में हैं उन्हीं के वारे-न्यारे Share on: