मा'लूम का नाम है निशाँ है न असर Admin कब्र शायरी इन हिंदी, Rubaai << मक़्सूद है क़ैद-ए-जुस्तुज... मकशूफ़ हुआ कि दीद हैरानी ... >> मा'लूम का नाम है निशाँ है न असर गुंजाइश-ए-इल्म है बयाँ है न ख़बर इल्म और मा'लूम में दुई की बू है इस वास्ते इल्म है हिजाब-उल-अकबर Share on: