जब बाप मुआ तो फिर है बेटा क्या शय Admin बाप बेटी शायरी, Rubaai << जाहिल की है मीरास 'क़... जाँ जाए पर उम्मीद न जाएगी... >> जब बाप मुआ तो फिर है बेटा क्या शय आगे पीछे धरें हैं सब के लाशे दुनिया है 'क़लक़' कुछ तो यही कुछ है बस हर चीज़ है ना-चीज़ तो हर शय ला-शय Share on: