जब भी करे यलग़ार अफ़्सुर्दा-दिली By Rubaai << कुछ वक़्त से एक बीज शजर ह... गदाई की तर्ग़ीब >> जब भी करे यलग़ार अफ़्सुर्दा-दिली दे दिल को कचोके काहिश-ए-बे-समरी कानों में निदा-ए-हसबुकल्लाह आए और आ कर के बँधाए ढारस मेरी Share on: