जाहिल भी हैं सुक़रात-ए-सनद-ज़ाद भी हैं Admin सैड शायरी इन हिंदी फॉर गर्लफ्रैंड, Rubaai << पुश्त-ओ-शिकम-ओ-चश्म-ओ-लब-... इंसान है ख़ुद इतना कसीर-उ... >> जाहिल भी हैं सुक़रात-ए-सनद-ज़ाद भी हैं सैद-ता-फ़ितराक भी सय्याद भी हैं बाहर से पयम्बर नज़र आते हैं मगर अंदर से ये बू-जहल के हम-ज़ाद भी हैं Share on: