जिस दर्जा हो मुश्किलात की तुग़्यानी Admin मेरी खता शायरी, Rubaai << रख याद अभी तेरा सबक़ बाक़... जब तक कि सबक़ मिलाप का या... >> जिस दर्जा हो मुश्किलात की तुग़्यानी हो अहल हम को और भी आसानी तैराक अपना हुनर दिखाता है ख़ूब होता है जब उस के सर से ऊँचा पानी Share on: