रख याद अभी तेरा सबक़ बाक़ी है Admin सबक शायरी, Rubaai << जो साहिब-ए-मक्रमत थे और द... जिस दर्जा हो मुश्किलात की... >> रख याद अभी तेरा सबक़ बाक़ी है इस बाग़ में अब भी तिरा हक़ बाक़ी है नर्गिस तिरे पथराए हुए दीदों में दीदार-ए-इलाही की रमक़ बाक़ी है Share on: