जो हसरत-ए-दिल है वो निकलने की नहीं Admin Rubaai << कहता हूँ तो तोहमत हसद होत... जब तक है हम में क़ौमी ख़स... >> जो हसरत-ए-दिल है वो निकलने की नहीं जो बात है काम की वो चलने की नहीं ये भी है बहुत कि दिल सँभाले रहिए क़ौमी हालत यहाँ सँभलने की नहीं Share on: