जो साहिब-ए-मक्रमत थे और दानिश-मंद Admin खून शायरी, Rubaai << जो तेज़ क़दम थे वो गए दूर... रख याद अभी तेरा सबक़ बाक़... >> जो साहिब-ए-मक्रमत थे और दानिश-मंद वो लोग तो हो गए ज़मीं के पैवंद पूछो न उन्हें जो रह गए हैं बाक़ी बदनाम कुनुंदा-ए-निकू नामे चंद Share on: