काफ़ूर है दिल-जलों को तनवीर-ए-सहर Admin आरज़ू शायरी, Rubaai << आ जाए अगर हुक्म फ़लक से &... इस बहर में सैकड़ों ही लंग... >> काफ़ूर है दिल-जलों को तनवीर-ए-सहर ठंडक है कलेजों की तबाशीर-ए-सहर जी उन्हीं दिलों में आरज़ूएँ मर कर क्या रूह-फ़ज़ा है वाह तासीर-ए-सहर Share on: