ख़ुद से न उदास हूँ न मसरूर हूँ मैं By Rubaai << क्या तब्ख़ मिलेगा गुल-फ़िश... कल रात गए ऐन-ए-तरब के हंग... >> ख़ुद से न उदास हूँ न मसरूर हूँ मैं बिज़्ज़ात न रौशन हूँ न बे-नूर हूँ मैं मुख़्तार से मुख़्तार है मुख़्तार है तू मजबूर हूँ मजबूर हूँ मजबूर हूँ मैं Share on: