किस तरह से आई है जमाही तौबा Admin तबाही पर शायरी, Rubaai << लिल्लाह मिरी सोज़िश-ए-पैह... हर साँस में इक हश्र बपा ह... >> किस तरह से आई है जमाही तौबा तौबा तौबा तौबा अरे तबाही तौबा दो घूँट भी इस वक़्त है मिलना दुश्वार ये क़हत अगर है तो इलाही तौबा Share on: