हर साँस में इक हश्र बपा है वाइ'ज़ Admin गणपति बप्पा शायरी, Rubaai << किस तरह से आई है जमाही तौ... बेबादा भी ग़म से दूर हो ज... >> हर साँस में इक हश्र बपा है वाइ'ज़ दुनिया ही में उक़्बा का मज़ा है वाइ'ज़ आए हो तुम इक रोज़ जज़ा को ले कर हर रोज़ यहाँ रोज़-ए-जज़ा है वाइ'ज़ Share on: