क्यूँ अंजुमन-ए-ग़ैर में फ़रियाद करें By Rubaai << ऐ मोमिनो फ़ातिमा का प्यार... हर साँस में गुलज़ार से खि... >> क्यूँ अंजुमन-ए-ग़ैर में फ़रियाद करें फिर ख़ुद को नई तरह से आज़ाद करें लो ठोकरें खाने का बुलावा आया अब चल के नए शहर को आबाद करें Share on: