क्या तुम ने मिरा हाल-ए-ज़बूँ देखा है Admin Rubaai << क्यूँ उन को सताने में मज़... इस दहर में अब किस पे भरोस... >> क्या तुम ने मिरा हाल-ए-ज़बूँ देखा है हर हसरत-ओ-उम्मीद का ख़ूँ देखा है उठ बैठा हूँ सौ बार मैं सोते सोते ये वहशत ओ अंदाज़-ए-जुनूँ देखा है Share on: